विश्वका सबसे बड़ा कृषिक्षेत्र



भारतवर्ष विस्तारमें विश्वकी कतिपय बड़ी भौगोलिक एवं राजनैतिक इकाइयों से लघु अवश्य है , परन्तु उन सबसे कहीं अधिक सुगठित एवं सुसज्जित है। अपने अपेक्षाकृत सीमित आकार में हमारी यह भूमि विश्व के सबसे बड़े कृषिक्षेत्र को संजोये हुए है। भारतवर्ष के प्रायः 60 प्रतिशत भागपर कृषि सम्भव है। विश्वके अन्य वृहद् एवं सम्पन्न क्षेत्रों का 20 प्रतिशत से अधिक भाग कृषियोग्य नहीं होता । विश्वके कुल भूक्षेत्र के केवल 10 प्रतिशत पर ही खेती की जा सकती है। 

प्रकृतिको इस विशेष उदारता के परिणाम स्वरूप भौगोलिक क्षेत्र की दृष्टि से विश्व में सातवें स्थान पर आने वाली भारत भूमि कृषि योग्य भूमि के मापदण्डपर विश्व में प्रथम स्थान पर पहुँच जाती है। भारतवर्ष का 19 करोड़ हेक्टेयर क्षेत्र कृषियोग्य है , इसमें से 16 करोड़ हेक्टेयर भारतीय संघ के भाग में आता है। अमरीको संयुक्तराज्य का कुल कृषियोग्य क्षेत्र 17 करोड 70 लाख हेक्टेयर , रूसी संघका 12 करोड 60 लाख हेक्टेयर , चीनका 12 करोड 40 लाख हेक्टेयर , पश्चिमी यूरोप का 7 करोड 70 लाख हेक्टेयर , ऑस्ट्रेलियाका 5 करोड 60 लाख हेक्टेयर और ब्राज़ील का 5 करोड 30 लाख हेक्टेयर है।

 
भारतवर्ष के अन्तर्गत विश्व का यह सबसे बड़ा कृषिक्षेत्र अपनी सहज उर्वरता में विश्व के समृद्धतम क्षेत्रों मे गिना जाता है। इसीलिये , भूगोलविद् सघन सुगठित भारतीय भूखण्ड का वर्णन करते हुए सदा अतिशयात्मक विशेषणों का उपयोग करते रहे हैं।

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