विस्तीर्ण एवं समृद्ध भूमि




भारतवर्ष विश्वके अति - विस्तीर्ण भूखण्डोंमें से एक है । कश्मीर से कन्याकुमारी तक उत्तर - दक्षिण दिशा में 3,200 किलोमीटर और आसाम से बलूचिस्तान तक पूर्व - पश्चिम दिशा में 3,500 किलोमीटर तक इसका विस्तार है। कुल 42 करोड 35 लाख हेक्टेयर का विशाल क्षेत्र इसकी परिधि में आता है।


 ऐतिहासिक और भौगोलिक दृष्टि से यह सम्पूर्ण क्षेत्र सर्वदा एकात्म अभिन्न भारत-भूमि के रूप में जाना जाता रहा है। आज यह भूमि भारतीय संघ , पाकिस्तान और बांग्लादेश को तीन स्वतन्त्र राजनतिक इकाइयों में विभाजित है। भारतवर्ष का कुल 42 करोड 35 लाख हेक्टेयर क्षेत्रमें से प्रायः 32 करोड 87 लाख हेक्टेयर भारतीय संघ में है। 8 करोड़ 4 लाख हेक्टेयर पाकिस्तान में और 1 करोड 44 लाख हेक्टेयर बांग्लादेश में। 



भौगोलिक विस्तार में भारतवर्ष विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा भूखण्ड है। रूसी संघ ( 1 अरब 70 करोड 80 लाख हेक्टेयर ) , चीन ( 96 करोड़ हेक्टेयर ) , अमरोको संयुक्तराज्य ( 93 करोड़ 60 लाख हेक्टेयर ) , कनाडा ( 92 करोड़ 20 लाख हेक्टेयर ) , ब्राज़ील ( 85 करोड 10 लाख हेक्टेयर ) और ऑस्ट्रेलिया ( 78 करोड़ 60 लाख हेक्टेयर ) का विस्तार भारतवर्ष से अधिक है। पश्चिमी यूरोप ( 37 करोड 10 लाख हेक्टेयर ) का विस्तार भारतीय संघ से किञ्चित् अधिक है , परन्तु भारतवर्ष से अधिक नहीं। भौगोलिक विस्तारमें भारत वर्ष का स्थान चाहे विश्वमें सातवाँ हो , भोगोलिक एवं प्राकृतिक सम्पदाकी दृष्टि से यह भूमि निश्चय हो सातवें स्थानपर नहीं आती। वस्तुतः भारतवर्ष विश्व के 7 समृद्धतम भूखण्डोंमें से एक है । इस अद्वितीय समृद्धिका वर्णन हम आगे भी करेंगे।

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